Emergency
0124-4585666 (Gurugram)
09103327357 (Srinagar)
0172-5294455 (Panchkula)
0612-7107788 (Patna)
0294-6669911 (Udaipur)
07070405405 (Darbhanga)
0651-7107600 (Ranchi)
svg-location
Call-us
Didn’t Find What You Were Looking For

Get a call back from our Health Advisor

Posted on Mar 16, 2023 | By Dr. MAHESH WADHWANI

हार्ट अटैक: लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

हार्ट अटैक: लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

 

हार्ट अटैक के प्रमुख कारण:

  • आनुवंशिक कारण - अगर किसी के माता-पिता 40 साल के पहले ही हार्ट अटैक से देहांत हो गया तो उनको हार्ट अटैक होने का बहुत ज़्यादा खतरा है।
  • शरीर का वजन बहुत ज्यादा होना हार्ट अटैक का कारण हो सकता है।
  • तनाव हार्ट अटैक का अहम कारण हो सकता है।
  • धूम्रपान बहुत ज़्यादा करते हैं या तंबाकू का सेवन करना भी हार्ट अटैक का कारण हो सकता है।
  • साथ ही साथ, अगर आपका कोलेस्ट्रोल बहुत सालों से बड़ा हुआ है, छाती में दर्द होता है या चलने पर सांस फूलता है, ये सबसे बड़ा संकेत हैं हार्ट अटैक का।

पर ऐसे भी कई लोग होते हैं जिनको स्पष्ट संकेत नहीं होते हैं, कुछ भी पता नहीं होता, परिवार का इतिहास भी नहीं होता फिर भी उन्हें हार्ट अटैक होता है।

हार्ट अटैक होने के बहुत अलग-अलग कारण होते हैं लेकिन जो मुख्य कारण है आनुवंशिक कारण। जैसा हम जानते हैं आनुवंशिक कारण से परिवार में हार्ट अटैक ज्यादा होते है।

धूम्रपान के बारे में सबको पता है कि धूम्रपान से हार्ट अटैक होता है। अगर हम बहुत देर तक बैठे रहते हैं और कुछ गतिविधि नहीं करते है तो उससे भी हार्ट अटैक आने के संभावना बहुत ज्यादा बढ़ती हैं। निर्जलीकरण, पर्याप्त पानी नहीं पीने से भी हार्ट अटैक होता हैं। आजकल कोविड, पोस्ट कोविड वैक्सीनेशन का बहुत बड़ा प्रभाव है। मैं यह नहीं कहता कि कॉविड टीके वाले लोगों को अटैक होता है पर थोड़ा सा जोखिम तो कोविड का संक्रमण ने भी बढ़ाया है। ऐसे भी 60-70 साल के बाद हार्ट अटैक आने का खतरा ज़्यादा रहता है। अगर डायबिटीज है, ब्लड प्रेशर है, यह सब बीमारियों के चलते भी हार्ट अटैक आने के संभावना बढ़ती हैं। किसी को अगर पहले लकवा आया हुआ है, किसी को अगर पहले पैर मैं खून का थक्का जमा था तो ऐसे व्यक्ति को भी हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है।


बहुत से लोग सोचते हैं कि तनाव से फर्क नहीं पड़ता, लेकिन तनाव हार्ट अटैक के अहम कारणों में से एक है। तनाव के दौरान सच में एक चिकित्सा शब्द है जिसे ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम कहा जाता है, अगर जिसके जीवन में तनाव ज़्यादा हो गया है तो उसको हार्ट में समस्या आ सकती है। यदि किसी के परिवार में बहुत ज्यादा हार्ट अटैक आए हुए हैं, वह बहुत ही तनाव के दौर से गुजर रहे हैं, बहुत ज्यादा धूम्रपान कर रहे हैं, शुगर बहुत बड़ी हुई है और उसका ध्यान नहीं रखते हैं, रक्तचाप बढ़ा हुआ है, साथी ही साथ बैठे रहते हैं, और कामकाज ऐसा है कि अधिकतर समय बैठे रहना पड़ता है। तो ऐसे व्यक्तियों में उम्र के साथ-साथ हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता जाता हैं। ऐसे व्यक्ति अगर पुरुष है तो उन्हें हार्ट अटैक का जोखिम ज्यादा है, महिला हैं तो पुरुषो के मामले में थोड़ा कम है।

हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षण:

अगर किसी को सीने में दर्द हुआ है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसे हार्ट अटैक ही आया हो। अधिकतर लोग
भारत में ये कहते हैं कि हमें तो कोई अटैक कभी आया ही नहीं जबकि जांच कराने पर हार्ट अटैक के सारे लक्षण मिलते हैं। तो इसे शुरुआती हार्ट अटैक के संकेत कह सकते हैं।

शुरुआती हार्ट अटैक के लक्षण:

  • कोई व्यक्ति जो वैसे काफ़ी सक्रिय रहता हो अचानक उसकी शक्ति में कमी आना मतलब सुस्त हो जाना
  • काम करने की इच्छा नहीं होना
  • रक्तचाप (Blood Pressure) बहुत ज्यादा अचानक से बढ़ने लगे और पसीना आए
  • 2 सीढ़ी चढ़ते ही सांस फूल जाना
  • एंटीएसिड दवा लेने के बाद भी एसिडिटी होती है

उपर्युक्त लक्षण शुरुआती हार्ट अटैक के संकेत हो सकते हैं। ये शुरुआती संकेत जानने का कोई 100% तरीका नहीं है, की आपको हार्ट अटैक हुआ है या नहीं हुआ है या होने वाला है किंतु उसी समय पर उच्च जोखिम और कम जोखिम में आप बहुत आसानी से अंतर कर सकते हैं।

हार्ट अटैक के जांच कैसे करें:

अगर आप ऐसी कोई जांच चाहते हैं जिस से कि आप जल्दी से जल्दी पता कर सके की हार्टअटैक के लक्षण आए हैं या नहीं। इसके लिए एंजियोग्राफी के अलावा एक केमिकल प्रूफ टेस्ट भी होता है कि हार्ट अटैक हुआ है या नहीं । ईसीजी एक भरोसेमंद जांच नहीं है, इस टेस्ट से पता करना आसन नहीं होता कि हार्ट अटैक हुआ था या नहीं और एंजियोग्राफी करवानी पड जाती है। हमेशा एक केमिकल टेस्ट पर जोर दें जिसे ट्रॉप आई कहा जाता है। ट्रॉप आई या ट्रॉप टी अलग अलग जगह पर अलग अलग तरीके से मौजूद होती है। और यह ऐसी जांच हैं जो कि एक स्टिक पर खून का एक बूंद डाल के तुरंत की जा सकती हैं। इसलिए, ट्रॉप टी और ट्रॉप आई यह सुनिश्चित करने के लिए पहला परीक्षण है कि हार्ट अटैक हुआ है या नहीं हुआ है। अगर आपको कभी दर्द हो तो तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट में जाइए और ट्रॉप आई या ट्रॉप टी की टेस्ट कराइए। यह टेस्ट अगर पॉजिटिव है तो आप को हार्ट अटैक हुआ है। इसमें सही रिपोर्ट की लगभग 50-60% संभावना होती है। कोई भी और स्क्रीनिंग टेस्ट इतनी ज्यादा जल्दी से नहीं बताएगी। इसी का ही बेहतर जांच होता है ट्रॉप आई का क्वांटिटेटिव माप करा ले, जो कि 2 घंटे में रिपोर्ट आती है, इसमे 99% संभावना है सही रिपोर्ट की। अगर आपका ट्रॉप आई पॉजिटिव है तो आपको हार्ट अटैक आया है।

एंजियोग्राफी जांच: सबसे सही टेस्ट एंजियोग्राफी ही होती है। बगैर एंजियोग्राफी के आप नहीं कह सकते की आपको हार्ट की समस्या है या नही। एंजियोग्राफी दो तरीके से होती है एक सिटी स्कैन के जरिए होती है दूसरी जो कैथ लैब में डॉक्टर एंजियोग्राफी करता है। 

हार्ट अटैक के बचाव:

कुछ चीजें करके हम हार्ट अटैक के जोखिम को उचित ढंग से कम कर सकते हैं जैसे की सक्रिय रहें, शरीर के आदर्श वज़न को बनाए रखें। साथ ही साथ अगर आप तंबाकू का सेवन करते हैं तो तंबाकू छोड़ दे। किसी भी तरीके से तंबाकू आपके शरीर में नहीं जाए, ऐसा कुछ करेंगे तो हार्ट अटैक का जोखिम कम होगा। अगर डायबिटीज है तो उसको कंट्रोल करें। अगर ब्लड प्रेशर की बीमारी है उसका ऑप्टिमली नियंत्रण करें। आदत ऐसी बनाएं कि सक्रिय रहे, चलते फिरते रहे। ज्यादा देर बैठे नहीं। ऐसे लोग जिनके परिवार में बहुत ज़्यादा हार्ट अटैक आए हैं, उन्हें बिल्कुल केवल मापदंड पर भरोसा नहीं करना चाहिए, उनको आगे टेस्टिंग भी करानी चाहिए कि कहीं हार्ट अटैक आने की जो बीमारी है वह शुरू तो नहीं हो गई है। अगर परिवार का इतिहास में माता-पिता, भाई को बहुत गंभीर हार्ट अटैक आए हैं, वह भी कम उम्र में, 50 साल के नीचे आए हैं तो बिलकुल टेस्टिंग कराइए। इस तरीके से हम कोई भी हार्ट अटैक से बच सकते है।