Apr 25, 2022
पटना 6 जून 2019 : पारस एचएमआरआई सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, राजाबाजार पटना में ब्रेन की दुर्लभ बीमारी हाइड्रोसेफल्स की जटिल सर्जरी कर मरीज को राहत दिलायी गयी। बिहार-उचय-हजयारखंड में पहली बार इस तरह की सर्जरी की गयी है। ब्रेन के अंदर एक पानी जैसे पदार्थ का बहाब होते रहता है। किसी कारणवश इसके रूकने पर जो बीमारी पैदा होती है उसे हाइड्रोसेफाल्स कही जाती है। 18 साल के एक बच्चे में जन्मजात यह बीमारी थी। इससे उसके सर का आकार बड़ा हो गया था। चार-उचयपांच महीने पहले से उसे सिरदर्द, चलने-उचयफिरने में परेशानी, कम दिखाई दे रही थी तथा उल्टी भी हो रही थी पटना में ही उसका एक डॉक्टर ने ऑपरेशन कर पानी के बहाव के लिए पाइप लगा दी थी, लेकिन कुछ दिनों बाद बहाब फिर बंद हो गया और उसकी परेशानी फिर ब-सजय़ गई। तब परिजन बच्चे को लेकर पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल पहुंचे जहां हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जन डॉ. नसीब कमाली ने इंडोस्कोपी विधि से सर्जरी कर उसे राहत दिलाई। ऑपरेशन के दो दिन बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी और अब वह पूर्णतः स्वस्थ है।
डॉ. कमाली ने कहा कि ब्रेन में छेद कर दूरबीन डाला गया और उसके बाद पानी के बहाव के लिए रास्ता बनाया गया। एंडोस्कोपी विधि से किये गये इस ऑपरेशन में करीब दो घंटे लगे। इस ऑपरेशन को एंडोस्कोपी थर्ड वेट्रीकलस्टॅमी कहा जाता है। उन्होने कहा कि यह ऑपरेशन देश में कुछ गिने-चुने स्थानों पर ही किया जाता है। इसके लिए विशेषज्ञ सर्जन के अलावा बहुत सारी चीजों की जरूरत पड़ती है जो पारस में उपलब्ध हैं और इसी कारण हमलोग यह ऑपरेशन कर पाये। उन्होंने कहा कि अगर किसी का सिरब-सजय़ने लगे और सिर में दर्द, चलने-फिरने में परेशानी , कम दिखाई दे तथा उल्टी हो तो उसे तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यह हाइड्रोसेफाल्स की बीमारी हो सकती है। यह बीमारी जन्मजात भी होती है और कुछ में समय ब-समय के साथ भी हो जाती है। डॉ. कमाली दूरबिन पद्धति से न्यूरो की सर्जरी के विशेषज्ञ डॉक्टर हैं।