Apr 25, 2022
दरभंगा 04 अप्रैल 2018। मेघालय के शिलांग स्थित एक राजभवन कर्मी की 38 वर्षीय पत्नी गीता बरूआ का दरभंगा स्थित पारस अस्पताल में आंत के बड़े घाव को बगैर ऑपरेशन के सफलता पूर्वक ठीक किया गया। गीता लंबी अवधि से आंत के बड़े घाव से परेशान थी। उसके मलद्वारा से लगातार रक्त स्त्राव हो रहा था। वह थाइराइड और शरीर के दर्द से भी परेशाान थी। उसे कई प्रतिष्ठत डॉक्टरों और अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया था पर उसे इलाज से कोई राहत नहीं मिली और वह स्वस्थ नहीं हो पायी।
गीता बरुआ के पति रामाश्रय ने बताया कि वह बहुत तनाव में थे और लगातार ऑनलाइन ऐसे अस्पतालों की तलाश कर रहे थे जहां गीता का इलाज हो सके। उसने पारस ग्लोबल हािस्पटल, दरभंगा के वेबसााइट को देखा। इस क्रम में इस हॉिस्पटल के प्राोफइल को देखकर वह काफी प्रभािवत हुआ। इसी दौरान उसने कंसलटेंट व डीएम गैस्टेइंट्रोलाजिस्ट डॉ शरद झा के प्रोफाइल कोदेखा और उनसे काफी प्रभावित हुआ। उसने मरीज के साथ दरभंगा पारस आने का मन बना लिया। उसे मेघालय से दरभंगा आना था। वह गीता को दरभंगा स्थित पारस ग्लाोबल हॉिस्पटल ले आया।
रामाश्रय ने बताया कि उसे कंसलटेंट डॉ शरद कुमार झा के पास ले जाया गया। यहां उनका स्वागत किया गया और हॉिस्पटल प्रशासन ने काफी सक्रियता दिखाई। मरीज के निरीक्षण के बाद डॉ शरद झा ने उसे उसी दिन भर्ती कर लिया। डॉ झा ने बताया कि गीता का ऑपरेशन नहीं होगा। बगैर ऑपरेशन के ही वह ठीक हो जाएगी। उसका कंजरवेटिव ट्रीटमेंट किया जाएगा। वह डॉ शरद के ट्रीटमेंट प्रोटोकाल में एक हफ्ते तक रही। इस दौरान डॉ शरद झा ने गीता की सफल इंडोस्कोपी प्रक्रिया की।
गीता अब स्वस्थ अैर प्रसन्न है। महज एक हफ्ते के दौरान ही उसे अस्पताल से मुिक्त भी िमल गई। उसका कहना है कि उसे पारस दरभंगा और पहले आना चाहिए था। उसे इस बात की प्रसन्नता है कि हािस्पटल के डॉक्टरों और कर्मियों ने उनकी पूरी देखभाल की। उच्च कोटि की नर्सिंग सुविधा उसे मिली। रामाश्रय और गीता का कहना है कि उन्हें यह देखकर आश्चर्य भी हुआ कि उत्तर बिहार में भी विश्व स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं।