Apr 25, 2022
दरभंगा 27 अप्रैल 2018 पारस ग्लोबल हाॅस्पिटल, दरभंगा ने टिटनेस के एक गंभीर मरीज पवन यादव को दो सप्ताह में ठीक कर राहत दिला दी। सड़क दुर्घटना में घायल पवन को टिटनेस हो गया, जिससे उसकी स्थिति नाजुक बन गयी थी। दरभंगा के एक बड़े अस्पताल ने उसे पटना रेफर कर दिया था, मगर मरीज पटना न जाकर पारस ग्लोबल हाॅस्पिटल में भर्ती हो गया। उसे कई दिनों तक वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। मरीज का इलाज करने वाले न्यूरोलाॅजी विभाग के हेड डाॅ. मोहम्मद यासिन बताया कि सड़क दुर्घटना में उसके दाहिने पैर में घाव हो गया था, जिसमें इंफेक्शन के कारण टिटनेस हो गया। टिटनेस हो जाने के दो दिन बाद उसे पारस ग्लोबल हाॅस्पिटल में लाया गया। उस समय मरीज का जबड़ा नहीं खुल रहा था जिससे वह खाना नहीं खा पा रहा था। हाथ-पैर टाइट हो गये थे। पीठ में भी अकड़न आ गयी थी तथा सांस लेने में काफी तकलीफ थी।
डाॅ. यासिन ने कहा कि एक दिन के लिए उसे वार्ड में रखा गया था जहां उसे मसल रिलैक्स पेन की दवा इी गयी, घाव हड्डी तक फैल गया था। आॅपरेशन के बाद उसे दवाइयों पर रखा गया। सांस में तकलीफ से निजात दिलाने के लिए गले में छेद किया गया और कृत्रिम रूप से वेंटिलेटर के द्वारा सांस लेने की व्यवस्था की गयी। जबड़ा नहीं खुलने के कारण वह खाना नहीं खा पा रहा था तो नाक में पाइप डालकर तरल पदार्थ भोजन के रूप में दिया जाने लगा। दो सप्ताह तक वेंटिलेटर पर रखने के बाद उसकी हालत में सुधार आ गया। फिर डाॅ. पंकज मिश्र ने उसे गले में छेद से पाइप को निकालकर प्राकृतिक रूप से सांस लेने लायक बनाया। वेंटिलेटर से हटाने के बाद चार दिन तक उसे वार्ड में रखा गया और वह पूरी तरह ठीक हो गया।
यह पूछे जाने पर कि सड़क दुर्घटना में घायल को टिटनेस कैसे हो गया। इसके जवाब में डाॅ. यासिन ने कहा कि गाय के गोबर में टिटनेस के विषाणु पाये जाते हैं। हो सकता है कि जिस स्थान पर वह घायल हुआ हो वहां पर गाय का गोबर मिट्टी के साथ मिल गया हो। उन्होंने कहा कि उसी कारण से उसे टिटनेस हो गया। डाॅक्टर ने कहा कि पारस ग्लोबल हाॅस्पिटल में सभी तरह के उपकरण एवं सुविधाएं मौजूद हैं, इसलिए हमलोग गंभीर से गंभीर मरीज का इलाज कर लेते हैं।