Apr 25, 2022
दरभंगा, 07 जुलाई 2017। पारस ग्लोबल हाॅस्पिटल, दरभंगा में एंजियोप्लास्टी और हार्ट की सर्जरी करा चुके मरीजों का सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें मरीजों ने एक स्वर से कहा कि अगर हाॅस्पिटल और डाॅक्टर अच्छा मिल जाए तो दिल की बीमारी या दिल के आॅपरेषन से घबराने की जरूरत नहीं। इस मौके पर हृदय रोग सर्जन डाॅ. अमरनाथ शाॅ और डाॅ.ज्योति प्रकाष कर्ण ने बताया कि पारस ने गंभीर से गंभीर हार्ट के आॅपरेषन में सौ फीसदी सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि अभी तक यहां 500 से ज्यादा एंजियोग्राफी, 100 से ज्यादा एंजियोप्लास्टी, 50 से अधिक लोगों को पेसमेकर और 50 से ज्यादा हृदय की सर्जरी की गयी है। इसमें बाइपास सर्जरी भी शामिल है। इस अवसर पर डाॅ. सतीष कुमार हृदय एनेस्थे टिस्ट भी मौजूद थे।
बिहार की पहली बेंटल हार्ट सर्जरी करा चुके श्री शंभू सिंह ने बताया कि आॅपरेषन के बाद से अब वह सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं। मिथिलांचल की धरती दरभंगा में बिना छाती की हड्डी काटे श्री केदार नाथ की पहली मिनिमली इन्वेसिव हार्ट वल्व रिपलेसमेंट की सर्जरी डाॅ. अमरनाथ शाॅ ने की। आॅपरेषन के चैथे दिन उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी।
कई मरीजों ने इस धारणा को गलत बताया कि पारस में अधिक फीस ली जाती है। उन्होंने कहा कि इसी तरह की सर्जरी अगर हम पटना तथा अन्य महानगर में कराते, तो हमें दूना खर्चा करना पड़ता। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं हार्ट अटैक के तुरंत बाद हाॅस्पिटल पहुंचने पर जान बचायी भी जा सकती है, ऐसा हृदय डाॅक्टर बताते हैं। ऐसी स्थिति में अगर हमलोग पटना या अन्य महानगर जाने को सोचते तो जान पर खतरा बढ़ जा सकता था। इसलिए पारस ग्लोबल हाॅस्पिटल, दरभंगा की स्थापना मिथिलांचल के लोगों के लिए वरदान साबित होने लगा है। अब उन्हें अपने मरीजों को दूर दराज ले जाकर खतरे में डालने की आवष्यकता नहीं।
हृदय संबंधित किसी भी जानकारी के लिए संपर्क करें: 06272-667700।