Apr 25, 2022
नई दिल्ली, 18 जनवरी 2018: रांची के लोगोँ को बेहतरीन टर्शरी केयर सुविधाएँ मुहैया कराने के लिए पारस हॉस्पिटल और हेवी इंजिनियरिंग कॉर्पोरेशन (एचईसी) मिलकर शहर में 300 बेड का एक हॉस्पिटल बना रहे हैं। यह पारस हॉस्पिटल द्वारा देश में संचालित आठवाँ हॉस्पिटल होगा, इसके बाद पारस हॉस्पिटल की कुल क्षमता 1305 बेड की हो जाएगी। पारस ने हाल ही में प्राइवेट इक्विटी फंड के जरिए 275 करोड रुपये संकलित करने में कामयाबी हासिल की है, जिसके जरिए अगले चरण के विस्तार की योजना बनाई जा रही है, इस योजना के तहत 1000 नए बेड की व्यवस्था ही जाएगी। रांची में बन रहा नया हॉस्पिटल इसी विस्तार योजना का एक हिस्सा है। ग्रुप पंचकुला जो कि चंडीगढ का सेटेलाइट शहर है, में भी एक सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बना रहा है, जिसकी क्षमता 225 बेड की है। इसके अलावा नोयडा-एनसीआर में एक 50 बेड का मदर एंड चाइल्ड केयर हॉस्पिटल बन रहा है।
रांची में बन रहा हॉस्पिटल 10 एकड में फैला हुआ है, जो कैंसर, न्युरोसर्जरी, कार्डिएक साइंसेज और ऑर्थोपेडिक के स्पेशियलाइज्ड इलाज के लिए बेहतरीन डेस्टिनेशन साबित होगा।
पारस हेल्थकेयर के एमडी, डॉ. धरमिंदर नागर कहते हैं, “हम हमेशा से उत्तर भारत में बेहतरीन इलाज की सुविधाएँ मुहैया कराने पर फोकस कर रहे हैं, और गुडगांव, पटना और दरभंगा में चल रहे हमारे सुपरस्पेशियलिटी अस्पतालोँ के जरिए इस पूरे क्षेत्र में हम पहले से ही एक बडी आबादी तक सुविधाएँ उपलब्ध करा रहे हैं। रांची में नया अस्पताल खुल जाने से देश के इस हिस्से में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओँ की कमी की खाई कम करने के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी। हम उत्तर भारत के अन्य शहरोँ में भी विस्तार के बारे में योजना बना रहे हैं ताकि बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाओँ की पहुंच अधिक से अधिक लोगोँ तक हो सके।
डॉ, नागर ने कहा कि नया हॉस्पिटल रांची और इसके आस-पास के इलाकोँ जैसे कि बोकारो, जमशेदपुर, डुमरी और राउरकेला में रहने वाले 10 मिलियन से भी अधिक लोगोँ को सीधे-सीधे लाभ पहुंचाएगा। मौजूदा समय में झारखंड के इस इंडस्ट्रियल टाउन के लोगोँ को टर्शरी केयर इलाज, खासतौर से कैंसर, बोन मैरो ट्रांसप्लांट, किडनी ट्रांसप्लांट, दिल के इलाज, नर्व, ब्रेन व हड्डियोँ सम्बंधी बीमारी के इलाज के लिए दूर के शहरोँ में जाना पडता है।
पारस हॉस्पिटल्स रांची का निर्माण डिजाइन-बिल्ड-फाइनंस-ऑपरेशन एवम ट्रांसफर (डीबीएफओटी) के आधार पर पब्लिक प्राइवेट पार्टनर्शिप के तहत ओआरस और एचईसी द्वारा हो रहा है, जहाँ हॉस्पिटल के लिए भूमि एचईसी ने उपलब्ध कराया है और पारस यहाँ मेडिकल एक्सपर्टीज लेकर आयेगा और प्रतिदिन का क्रियाकलाप मैनेज करेगा। इस हॉस्पिटल के प्रबंधन हेतु पारस हॉस्पिटल कोयह जिम्मेदारी इसके पटना व दरभंगा के अस्पतालोँ की सफलता को देखते हुए मिली है।
मौजूदा समय में देश में पारस के 5 हॉस्पिटल चल रहे हैं और दो जल्द ही बंकर तैयार हो जायेंगे। मौजूदा समय में गुडगांव, नई दिल्ली, पंचकुला, पटना और दरभंगा में अस्पताल ऑपरेशनल हैं। नई यूनिटोँ के योजना नोयडा और पंचकुला में है।
एचईसी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री अविजीत घोष ने का कि, “इस स्टेट ऑफ द आर्ट मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के लिए पारस के साथ पर्टनरशिप करके हमे बेहद खुशी हो रही है। एचईसी पारस हेल्थकेयर को यहाँ हॉस्पिटल शुरु करने में हर सम्भव सहयोग से रहा है। पारस हॉस्पिटल को महानगरोँ व देश के अन्य शहरोँ में स्वास्थ्य सेवाएँ मुहैया कराने का लम्बा अनुभव है और वे उसी गुणवत्ता के साथ रांची में भी अपनी सेवाएँ मुहैया कराएंगे।
पारस हेल्थकेयर के डायरेक्टर बिजनस स्ट्रैटेजी एवम इंटेलिजेंस डॉ कपिल गर्ग ने कहा, “इस हॉस्पिटल में विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया कराने के लिए हम संसाधनोँ की उपलब्धता, मैनपॉवर और मेडीकल उपकरण जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं। तय समय सीमा से पहले इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए हम हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं। पारस हरियाणा और बिहार का पहला नाभ (NABH) ऐक्रेडिटेड हॉस्पिटल है और हम इस हॉस्पिटल में भी उसी गुणवत्ता की सुविधाएँ और सेवाएँ उपलब्ध करा रहे हैं। हमेँ पूरी उम्मीद है कि पारस हॉस्पिटल पटना और दरभंगा की तरह रांची में भी बेहतरीन स्वास्थ्य सेवा प्रदाता बनेगा।