Apr 25, 2022
यौन संबंधी भ्रांतियों को दूर कर पुरूषों को मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए लाँच की गयी मेन्स हेल्थ क्लिनिक |
यूरोलॉली, नेफ्रोलॉजी एवं ट्रांसप्लांट विभाग के डायरेक्टर डॉ. अजय कुमार करेंगे क्लिनिक का संचालन। डॉ. तुषार एवं डॉ. विकास टीम में हैं शामिल।
पटना, 5 मार्च 2019 : यौन संबंधी भ्रांतियों को दूरकर पुरूषों को मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाने के लिए पारस एचएमआरआई सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, राजा बाजार, पटना ने आज 5 मार्च मंगलवार को मेन्स हेल्थ क्लिनिक (पुरूष स्वास्थ्य केन्द्र) लाँच की। इस क्लिनिक में पुरूषों से संबंधित सभी बिमारियों का इलाज किया जायेगा। इलाज के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम में मूत्र रोग विशेषज्ञ, मनोरोग विशेषज्ञ तथा स्त्री रोग विशेषज्ञ डाक्टर शामिल रहेंगे।
क्लिनिक की लाँच के मौके पर आयोजित प्रेस काँफ्रेंस में हॉस्पिटल के यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी तथा ट्रांसप्लांट के डायरेक्टर डॉ. अजय कुमार ने बताया कि मातृ केन्द्र, महिला स्वास्थ्य केन्द्र तथा शिशु स्वास्थ्य केन्द्र तो आम बात है, लेकिन पुरूषों के स्वास्थ्य को लेकर विशेष केन्द्र की स्थापना के प्रति अभी तक उदासीनता बरती गयी है। इसलिए हमलोगों ने पुरूष स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना की है ताकि उनकी समग्र समस्याओं का निराकरण किया जा सके। आज भी हमारा देश पुरूष प्रधान देश है। घर के मुखिया पुरूष की मृत्यु के बाद परिवार बिखर सा जाता है, इसलिए पुरूष स्वास्थ्य केन्द्र पर जोर दिया गया है। उन्होने कहा कि पुरूषों के कुछ ऐसी बीमारियां होती है जिसके बारे में वह अपनी पत्नी तक को नही बता पाते हैं। ये बीमारियां पुरूषों को मानसिक तथा शारिरिक रूप से कमजोर बनाती है तथा उनके विकास में बाधक बनती हैं। इन बीमारियों का इलाज इस केन्द्र मे संभव हो पायेगा। स्वप्नदोष तथा अन्य प्रक्रियाओं को जटिल बीमारी समझकर नवयुवक मानसिक विकृति के शिकार हो जाते हैं। जिसका बुरा असर उनके स्वास्थ्य और शिक्षा पर पड़ता है। यदि ऐसे नवयुवकों को मूत्र रोग एवं मनोरोग विशेषज्ञ की उचित सलाह मिल जाए तो वे गलत धारणाओं के शिकार नहीं हो पायेंगे।
शादी के बाद बहुत सी यौन संबंधी समस्याएँ पति–पत्नी के बीच संबंध विच्छेद की स्थति पैदा कर देती है। इसके बाद संतान हीनता के इलाज के लिए उचित सलाह की कमी के कारण दंपति इधर–उधर भटकते हैं। विभिन्न कारणों से जवानी में पुरूषों के यौन क्षमता कम जाती है जिसके चलते वह मानसिक तनाव में रहने लगते हैं। उम्रदराज लोगों में मूत्र रोग संबंधी समस्याएं बढ़ जाती है। प्रोस्टेट ग्रंथी का कैंसर बहुत ही आम है, मगर इसकी पहचान यदि शुरू मेे ही बहुत कम जाँच के द्वारा करवा ली जाए तो यह पूर्ण रूप से ठीक हो सकता है। परंतु मरीज मूत्र रोग विशेषज्ञ के पास तब पहुँचते है जब उनका कैंसर काफी बढ़ जाता है। इस स्थ्तिि में तो उन्हे सिर्फ तकलीफों से मुक्ति दिलाने का ही इलाज बचता है। पारस के प्रोस्टेट कैंसर एवं मूल प्रणली के अन्य कैंसरो का स्क्रीनिंग टेस्ट के द्वारा पता लगाकर इलाज किया जाता है। इस केन्द्र का संचालन डॉ अजय कुमार करेंगे तथा डॉ. तुषार आदित्य नारायण एवं डॉ. विकास उनके कामों में सहयोग करेंगे। लाँच के मौके पर हॉस्पिटल के रिजनल डायरेक्टर डॉ. तलत हलीम और जेनरल सर्जरी के डायरेक्टर तथा बिहार के नामी सर्जन डॉ. ए.ए. हई भी मौजूद थे। इंदिरा गॉधी इंस्टीच्यूट के र्निदेषक डाक्टर एन आर विष्वास की उपस्थिति में यूरोलॉजी सोसायटी ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष एवं राम मनोहर लोहिया अस्पताल, नई दिल्ली के डीन डाक्टर राजीव सूद ने इस क्लिनिक का उद्घाटन किया।