Apr 25, 2022
अर्थशास्त्र के रिटायर्ड प्रोफ़ेसर श्री आरण् के झा काई महीनों से अत्यंत परेशन थे एवं असहनीय दर्द से पीड़ित थे उनका बैठना भी मुश्किल था उनके अंडकोष की थैली असामान्य रूप से बड़ी हो गयी थी जिसकी चौड़ाई 8 इंच हो गयी थी दुर्भाग्य पूर्ण उनके हृदय में 90ः ब्लॉकेज भी था और साथ ही वो हाई ब्लड प्रेशर के भी मरीज थे याने उनके हार्ट फैलयर की स्थिति बन गयी थी इसी कारण से कई अस्पतालों एवं डॉक्टरों ने उनका इलाज करने से इनकार कर दिया था |
अन्ततः वो पारस अस्पताल के आपातकालीन विभाग में गये जहाँ उनकी जाँच भी की गयी उन्हें विख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ज्योति प्रकाश कर्ण के अंदर उन्हें भर्ती किया गया डॉक्टर ज्योति प्रकाश कर्ण ने आधुनिक आंजियोग्रफी द्वारा उनके हृदय की ब्लॉकेज को देखा अंडकोष की थैली की गंभीर स्थिति को देख उन्होने विख्यात सर्जन डॉक्टर ए के झा एवं एनेसथेटिस्ट डॉक्टर पंकज को बुलाकर मरीज को दिखाया हार्ट फेल्यर के इलाज के बाद तीनों डॉक्टरों ने गंभीरता पूर्वक इसपर विचार किया |
डॉक्टर पंकज ने कहा की अंडकोष का आकार अत्यधिक बड़ा होने के कारण ऑपरेशन को स्थानिक एनेस्तीसिया में करना मुश्किल था स्पाइनल एनेसतेसिया में रक्त संचालन अप्रत्याशित रूप से प्रभावित हो सकता था जिससे मरीज की जान को ख़तरा होता इसलिए डॉक्टर ए के झा द्वारा यह सर्जरी सामान्य एनेस्तीसिया में ही की गयी
डॉक्टरों के अनुसार इस तरह के जटिल स्थिति में सफलता पूर्वक सर्जरी करने के लिए ओपरेशन थिएटर में जिस प्रकार के आधुनिक उपकरण एवं प्रशिक्षित कर्मचारियों की टीम एवं आधुनिक आई सी यू बैकअप की आवश्यकता है वो दरभंगा के पारस अस्पताल में मौजूद है मरीज की सर्जरी ढाई घंटे में सफलतापूर्वक की गयी
प्रोफेसर आर के झा जी अत्यंत राहत में हैं और काफ़ी प्रसन्न है वो लगातार पारस और इसके डॉक्टरों एवं आधुनिक व्यवस्था की प्रशंसा कर रहे हैं |