Apr 25, 2022
दरभंगा, 05 जनवरी 2017। पारस ग्लोबल हाॅस्पिटल, दरभंगा ने गोली लगने से घायल 30 वर्षीय युवक शिवशंकर का ढाई घंटे तक जटिल आॅपरेशन कर दाहिना हाथ बचा लिया। गोली उसके दाहिने हाथ की कलाई में लगी थी जिससे वहां की हड्डियां चूर-चूर हो गयी थी, मांस कट गया था और नसें फट गयी थी जिससे लगातार खून निकल रहा था। नस फट जाने के कारणखून की सप्लाई रूक जाने से हादिना हाथ ठंडा पड़ गया था।
आॅपरेषन करने वाले हाॅस्पिटल के हड्डी रोग विभाग के डाॅ. दिलशाद अनवर ने बताया कि एक्सरे में हादिने हाथ की कलाई की हड्डिया चूर-चूर हो गयी जिससे बाहरी शिकंजा लगाकर बैठाया गया। उससे डिब्रिडमेंट तथा मांसपेशियों की मरम्मत की गयी। टेंडन की भी मरम्मत की गयी। उन्होंने कहा कि ऐसा आॅपरेशन जटिल होता है क्योंकि हड्डियां भी चूर-चूर हो गयी थी, नसें भी फट गयी थी मांसपेशियां भी कट गयी थी। ऐसे में डाॅक्टर को सूझ-बूझ के साथ आॅपरेशन करना पड़ता है, अन्यथा हाथ पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाता है।
डाॅ. अनवर ने बताया कि आॅपरेषन के दूसरे दिन बाद उसके हाथ में गर्मी आ गयी और हाथ चलने भी गला। चूंकि सभी नसों और मांसपेशियों की मरम्मत की जा चुकी थी, इसलिए हाथ में मूवमेंट आ गयी।एक सप्ताह तक मरीज को अस्पताल में रखने के बाद उसे छ्ट्टी दे दी गयी। अ बवह पूरी तरह से फिट है और उसका दाहिना हाथ पहले तरह काम कर रहा है। मरीज शिवशंकर ने पारस ग्लोबल हाॅस्पिटल को धन्यवाद देते हुए कहा कि मैं तो उदास हो गया था कि अब मेरे हादिने हाथ में पहले की तरह ताकत नहीं आयेगी लेकिन डाॅ. अनवर की मेहनत के कारण अब मेरा हाथ बिल्कुल पहले की तरह है।